Ummid shayari | 81+खुबसुरत वायरल उम्मीद शायरी

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Ummid shayari

Ummid shayari: हमारे जीवन मे परेशानी के तो बहुत से कारण है, लेकीन सबसे ज्यादा तकलीफ अगर कोई चीज देती है तो वह है गलत इंसान से कि गई उम्मीद! हम किसी भी इंसान से उम्मीद करते रहते है लेकीन हमारे हिसाब से वैसा नही होता जैसे कि हमने उम्मीद कि हो, फिर हम खुद को परेशानी मे डाल कर खुद का नुकसान कर लेते है, इसीलिये अगर आपको अपने जीवन मे खुश रहना है तो उससे अच्छा है कि उम्मीद किसी से नही होनी चाहिये!

अगर आप भी किसी से उम्मीद लगाये बैठे हो या फिर किसी के उम्मीद मे अपना किमती समय बरबाद करते हो, तो आजके लेख मे हम आपका समय बचाने कि पुरी कोशिश करेंगे!

दौलत हो तो दुनिया मिलने को मचलती है,

जिंदगी शर्तो से नही उम्मीदो से चलती है…!

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Ummid ki shayari

तुम अपने गम भुला कर तो देखो

बिन बात तुम मुस्कुराकर तो देखो,

राहे खुद ब खुद आसान हो जायेगी

तुम उम्मीदो के दिये जलाकर तो देखो…!

तेरे आणे कि उम्मीद मुझे और भी तडपाती है,

मेरे खिडकी पर जब भी शाम उतर आती है…!

औरो से तो हमे उम्मीद का रिश्ता भी नही था,

तुम इतने बदल जाओगे हम ने तो सोचा भी न था..!

नजर मे शोखीया लब पर मोहब्बत का तराना है,

मेरी उम्मीद कि जिद पर अब सारा जमाना है…!

बस यु हि तो उम्मीद दिलाते है ये जमाने वाले,

कब लौट कर आते है छोड कर जाणे वाले,…!

उम्मीद कि कश्ती को हम डूबोया नही करते

मंजिल दूर भी अगर हो तो हम रोया नही करते,

जो रखते है दिल मे उम्मीद कूच पाने कि

वो लोग अपने जीवन मे कभी कूच खोया नही करते…!

कोई वादा न कर कूच इरादा न कर

ख्वाईशो मे तू खुद को आधा न कर,

जिंदगी उतणा हि देगी जितना लिख दिया

इस तकदीर से ज्यादा उम्मीद न कर..!

अब हमे मिलने कि उम्मीद तो नही है तुमसे,

लेकीन अब हम ये कैसे कह दे,

कि इंतजार भी नही है हमे तुम्हारा..!

जाणे कीस से कहणी थी बाते दिल कि

न जाणे कीस से बाते कहते रहते है,

हमे रहमत कि उम्मीद नही है फिर भी

खुदा के दर पर दस्तक देते रहते है..!

*

Ummid shayari

मेरे शहर से कभी उसका गुजर हो जाये

पहली मुला कात जैसी एक नजर हो जाये,

वो फिर से मुझे इठला कर काहे आप कैसे हो जी..?

मै कहु आप कौन? ये लहजा उसके लिये जहर हो जाये…!

एक दिल हि तो तुटा है

जिने कि उम्मीद तो अब भी बाकी है,

अगर हमे एक तनहा छोड भी गया तो क्या हुआ

न जाणे अभी भी कितने का साथ बाकी है..!

उम्मीद कि किरण मे रोशनी कि चाह न रखे

एक एक कदम से आप छोटी कि उंचाई को चके..!

*

Expecting not but accepting is the way towards happiness..!

जिनसे हमे कोई भी उम्मीद नही होती है,

अक्सर वही लोग बुरे वक़्त मे साथ निभाते है..!

*

अब मै क्यू सवरू क्यू बनू, जिसके लिये सवरता था साजिद,

वो शक्स कब का शहर छोड गया, शहर छोड गया..!

इश्क़ कूच नही होता सिर्फ उम्मीदो का एहसास है

यहा पाणी कि नही सिर्फ और सिर्फ जिस्म कि प्यास है,

जहा मरता हर रोज किसी ना किसी का विश्वास है..!

पन्ने कागझी धर्म ले कर लिखे हुये है

उसी बाजार मे हम भी बीके हुये है,

जिस उम्मीद पर है तुम्हारा चांद सितारा

उसी उम्मीद पर हि तो समंदर टिके हुये है..!

मै जिसके लिये सवरता रहा वो शक्स तो शहर छोड गया

कोई मुद्दत नही, नजरिया नही मेरे नजर मे जो था वो मुझे छोड गया,

एक सिलसिला था जो कभी था हि नही,

वो जो गया है उसे भी वह इंसान छोड गया..!

*

Ummid par shayari

निंद बाजू मे रख कर सो लेता हु, मै कभी रोता नही पर आज रो लेता हु,

उम्मीद थी कि किसी दिन वो मुझसे आकर मिले, इसी उम्मिदो मे हि मै खो लेता हु,

मुद्दत से हसणे कि वजह न मिली, तेरी हसी याद कर के मै खुश हो लेता हु,

ख्वाईश है कि तू मुझे मिल जाये किसी रोज, हम ख्वाब मे हि मिल चुके है यही सोच कर मै सो लेता हु..!

मै तो कब कि उम्मीद छोड चुका था,

लेकीन मेरी मम्मी ने बोला ये नखरे तुम अपनी होणे वाली बिवी को दिखाना..!

इस से उम्मीद न रख, है ये हैसियत वाले,

ये वैसे है जो नही करते किसी से भी मोहब्बत वाले…!

*

हम दोनो मिलेंगे जरूर उन दो जहा के पार कही,

लिखा तो होगा खुदा ने हमारा मिलना किसी रोज जैसा कही,

ये इश्क़ कि कहानिया हर बार तो अधुरी होगी नही

पुरा तो होणा हि होगा एक दिन किसी अफसाने को कही…!

*

इस जीवन मे ऐसा कूच भी नही जो नही हो सकता इस कायनात मे,

दूर होणे पर भी मिलते है, जमि आसमा दिन मे किसी पहर कही,

पिंजरे से देख रहा है एक परिंदा अपने मालिक कि ओर,

और वह कहता रहा कि रिहा तो कर दे मुझे कभी किसी रोज कही..!

जब किस्मत और हालाथ दोनो हि खराब हो न,

तो बहुत कूच सहना और सुनना पडता है…!

*

उम्मीद कि दामन का हि तो हाथ ठाम कर बैठे है हम दर पर तेरे,

कि तुने लिखा तो होगा हि, हमारा मिलन भी किसी रोज कही..!

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Ummid pe shayari

टूटी हुई चीजे हमेशा से हि परेशान करती है,

दिल, निंद, भरोसा और सबसे ज्यादा किसी व्यक्ती से उम्मीद..!

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जीन लोगो कि तुम बे शुमार चाहत हो, तुम उलझी सी जिंदगी कि एक राहत हो,

वो अपने दिल मे तुमसे छुपाकर तुमसे अनकही से आस रखते है,

कही आप हार कर निराश न हो जाओ, बस यही सोच कर तुमसे वह कहने से डरते है…!

*

यह जरुरी नही कि किसी कि जरुरत पुरी करणे के लिये, हम उनके लफ्जो का इंतजार करे,

कभी कभी जरुरी है कि उनकी दिल कि भी सून ले, और उनके बिना साबित हम अपना भी प्यार करे..!

सफर कल भी था और आज भी है,

माना कूच उम्मीद टूटी है लेकीन

कूच ख्वाईशे अभी भी बाकी हि है..!

उम्मीद पर कब तक जिंदा रहोगे,

किस्मत के सितारे हि जब खफा रहेंगे..!

*

Ummid shayari in hindi

उम्मीद से ज्यादा उम्मीद मत करणा,

सिर्फ तकलीफ हि देती है..!

माना मुझे तमन्ना थी तुझे पाने कि

पर उसमे कूच अर्जीया तेरी भी थी,

जो चले थे कूच वक़्त मेरे साथ चलकर,

उसमे मर्जीया कूच तो तेरी भी थी..!

जिंदगी उम्मीद से शुरू होती है,

और अफसोस पर जा कर खात्म हो जाती है.!

किस्मत हमारी खराब नही थी,

बस हमने उम्मीद गलत लोगो से कर ली थी..!

हमसे कहां उम्मीद वफा कि रखते हो

हम तो बेवफा हि अच्छे है जनाब,

इस झुठी मोहब्बत की दुनिया मे

हम तनहा हि अच्छे है..!

जब तुम दुसरो से रखते हो बेकार कि उम्मीद,

तब धज्जीया उड जाती है आत्मसन्मान कि…!

यु तो तमाम जल्म है, मजबुरीया है, बिन्दशे है,

फिर भी कूच ख्वाब है, जिंदगी है और उम्मीद भी है..!

नये कपडे बदल कर आखिर जाऊ कहा? और मै बाल बनाउ किसके लिये?

वो शक्स तो शहर हि छोड गया, तो अब मै बाहर जाऊ कीस के लिये..?

उम्मीद बहुत अच्छी चीज है,

लेकीन हर किसी से नही..!

हमने उम्मीद छोडी है तुमसे,

मोहब्बत नही..!

कोई हमेशा जरुरी नही होता अपनी इस जिंदगी मे,

या तो जरुरत बदल जाती है, या फिर लोग बदल जाते है..!

पता नही लेकीन जिंदगी मे एक अधुरापण सा है,

ख्वाईशे तो बहुत है, लेकीन उसे पुरी करणे कि उम्मीद कम है..!

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Ummid shayari hindi

मिलने कि उम्मीद तो नही है अब तुमसे,

लेकीन यह भी कैसे कह दु कि अब इंतजार भी नही है..!

हालाथ गरीब हो तो भी चलेगा,

लेकीन सोच कभी भी घटिया नही होनी चाहिये..!

मेरी उम्मीद का होणा हि गलत था शायद,

या फिर उनसे उम्मीद करणा..?

मैने उन से पूछा कि तुमने कभी उम्मीद को देखा है.?

वो लडका हि तो कूच कर दिखा ने कि उम्मीद है,

जो साईकिल पर अपना ब्याग ले कर आता हो..!

अच्छा हि हुआ कि जल्दी बदल गये हम,

वरना मेरी उम्मीद बढती हि जा रही थी..!

उम्मीद जब भी हलकी पड जाये न,

तब समज लेना वक़्त भारी हो चुका है..!

अगर आपने मजाक समज रखा है तो मुझे बता दो,

यहा हम आपकी उम्मीद लगा कर बैठे है..!

उम्मीद क्या होती है उस इंसान से जाकर पुछो,

जो आज भी बैठे है किसी इंसान के इंतजार मे..!

उम्मीद कम रखिये जनाब,

खुशिया बे मिसाल होगी..!

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हे वाचा

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