Sher shayari | 111+ वायरल शेर शायरी

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Sher shayari

Sher shayari : चाहे ख़ुशी हो,या हो गम शायरी सुनने के बाद चेहरे पर एक अलग हि आनंद आता है, गमो को भूलाने के लिये या फिर ख़ुशी को दोगुना करणे के लिये शेर शायरी एक अहम भूमिका अदा करती है| मनोरंजन के लिये भी एक बेहतरीन पर्याय है यह शायरी, प्रेमी अपनी प्रेमिका के लिये भी प्यार भरी शायरी का इस्तेमाल करते है|

इस लेख मे आज हम एसी हि प्रेमभरी, प्रेनादायक, रोमांटिक और बहुत बढीया सी 110+ शेर शायरी को देखेंगे|

काश अपनी जिंदगी भी रेल कि सफर कि तरह होती,

छुटे नजारे वापसी के सफर मे देखने कि उम्मीद होती…!

Sher shayari in hindi

मेरी लाख मिन्नातो के बाद भी मेरी नही होती,

उसे पाने कि एक दुवा कबूल नही होती…|

ये जिंदगी कि पेड पर उम्मीदो के फल,

कोशिशो कि पत्थर से जरूर टूटेंगे कल…|

एक बात है जो तुमसे कहणी है,

ना जाने जुबान पर हि क्यू ठहरी है

मै हर बार डुबता तैर जाणे कि कोशिश मे,

पर कमबाक्त तुम्हारी आंख बडी गहरी है…!

भरी जा सकती है दरारे दिवारो कि

रिश्तो कि दरारो का क्या किया जाये..|

अगर मोहब्बत ना हासील हो

तो महबूब जान दिया करता है,

बडी शिद्धत से करता है प्यार

मगर पाने कि जिद नही करता है…|

पागल होता हु जब बात नही होती तुझसे

मै तो तेरी तरफ से भी बात करता हु तुझसे..!

बाहर एक खामोश सी रात

अंदर शोर तुम्हारे ख्वाबो का,

जो पुछे थे कुच सवाल तुमसे

मुझे इंतजार सारे जवाबो का…?

बांधकर काला धागा पाव मे

बचती हसिनाये बुरी नजरो से,

खुबसुरत दिल को नजर ना लगे

ऐसा कोई उपाय बताइये…!

जिम्मेदारी के आसमान से

तारो जैसे टूटते ख्वाब मेरे,

मै भी आशिक कम न था

चांद उतरता आंगण मे तेरे…|

तुम एक दुआ बनकर

मेरे होठो पर ठहर जाना,

मै पढता रहूंगा नमाजे

और तुम कबूल हो जाना…|

मै उसका दिवाना हर बात मे हामि भर देता हु

वो कहती है इश्क़ है और मै मान भी लेता हु…!

*

Sher shayari hindi

मै लिखता रहूंगा खत तुम्हे

तुम कही संभालकर रख देणा,

कोई पुछे दास्तान मोहब्बत कि,

तो वो सारे पढ कर बता देणा..!

दबे पाव हि आता है वो घर मे

दफ्तर से आवाज नही करता,

घर का जिम्मेदार लडका

किसीकी निंद खराब नही करता…|

हम झुटी मुस्कान का नकाब ओढे फिरते है,
बस कोई हाल ना पूछ ले इस बात से डरते है…!

चांद के गुलदान में चमकते तारो का गुलदस्ता है सजाना,
तुम आते वक्त एक महक साथ लाना और तारो में भर जाना…!

मुझे रात तो सुबह से भी अच्छी लगती है

खामोश होती है फिर भी सच्ची लगती है…!

वो लोट जाने के इरादे से आती है

लहरे किनारो को कितना तडपाती है…|

जीस्मो मे दुरी भले एक हाथ कि है,

पर दिलो मे दुरी बेबस हालाथ कि है…!

कह दुंगा इश्क़ नही है तुमसे

तुम यकीन मत कर लेना,

मै घुस्सा भी करुंगा तुमसे

तुम प्यार से गले लगा लेना…|

अपनी तो बस इतनी सी कहाणी है

सिर्फ मैने हि तुम्हारी हर बात मानी है…!

hindi Sher shayari

अब वो बात भी करती है तो सिर्फ तानो मे

पता है मुझे…. बहोत देर हुई है उन्हे बताने मे….!

सारी दुनिया को पता है कि

मै उसपे कितना मरता हु

बडा इतराती है वो जानकर कि

उसे खोने से कितना डरता हु…!

अच्छा लागता है ये तेरा मुझपे हक जताना,

दिल मे प्यार रखकर मुह पे नफरत बताना…!

मै तुम्हे बाहो मे भर के

रूह मे उतरणा चाहता हु,

हा… मै तुम्हे कभी ऐसे गले लगाणा चाहता हु …|

अहमियत का खेल तब तक चलेगा

जब तक तुम्हारे जेब मे पैसा रहेगा..|

मुझे अब तुम्हारे सिवा कोई और नही चाहिये

जिद दरसल मां कि है उसे बहु चांद जैसी चाहिये…!

कितनी करवते बदलकर देखा होगा फोन रातो मे

उस शक्स ने जो एक कॉल कि उम्मीद मे जगता रहा…!

बडी झुटी है दुनिया

बहुत लालची है लोग,

सब पैसो के लिये मरते

ना जाने कैसा है ये रोग..!

*

Sher shayari hindi me

हर पल हर वक़्त वो मेरे दिल मे रहती है,

मरे प्यार को प्यार नही, आदत कहती है..!

वो बैठी रही मेरे सामने

मेरे कूच कहने के इंतजार मे,

मै पढता रहा उसकी आंखे

उनसे कूच सुनने कि इंतजार मे…!

मेरी तो खामोशी मे भी शोर है तुम्हारे नाम का,

तुम यु हि बुलाती हो मुझे,

या सच मे हु तुम्हारे काम का…?

यु अंदर के शोर को शांत काराने

बाहर खामोश रहना जरुरी है क्या,

और जो थकता नही तुमसे बाते करके

उसको खामोश कराना जरुरी है क्या..?

एक समझोते के ताले से

बंद रखा है यादो का पिटारा,

अब जब कभी तुम आणा तो

एक उम्मीद कि चाबी ले आना…|

अपने कंधे दो

उस पर रोते सौ..!

प्यार है मुझसे पर वो कभी कहती हि नही,

सारी बाते मुझे बताये बिना रहती भी नही…!

वो चला तो गया है वैसे

उसकी याद है जो जाती नही,

संभाले रखे गुलाब भी सुख गये

पर एक महक है जो जाती नही,,|

लहरो जैसी मोहब्बत करता है

छुता तो है किनारो को,

और समंदर भी छुटता नही….!

Shero shayari

आसुओ मे भिगकर भी सबसे मेरा गम छुपाता है,

मेरा तकिया मुझसे कितना वफादारी निभाता है…|

ये मंजिल जैसा भी कूच होता है क्या,

सफर मे हमसफर जैसा कोई होता है क्या,

यु भटकते रहते हो मंजिल कि चाह मे

उसे पाने का रास्ता भी कोई होता है क्या….?

बेटी कि ख़ुशी से ज्यादा घर वालो को इज्जत बडी है,

ये कैसा दोर है समानता का,

औरत आज भी अकेली खडी है…|

ये दोस्ती मे भी एक तरफा जैसा कूच होता है क्या,

तुम दोस्त मानते हो जिसे,

वो भी तुम्हे मानता है क्या…?

पुरी दुनिया का शोर भी सुनाई नही देता,

उसकी खामोशी शोर हि मचाती है इतना…|

गुजर रहा हु मै जीससे

वो वक़्त गुजरता क्यू नही…?

उसने रोते हुये कहा था मुझे रुलाना मत,

अब इससे ज्यादा कोई उम्मीद करे तो क्या करे…!

कभी सोचा है क्या…?

कोण सुनता है उसकी

जो सुनता है सबकी…!

थे कितने खुबसुरत किरदार

और कितनी प्यारी कहाणी थी,

मुझसे खोया ना गया कहानियो मे,

मुझपे घर कि भी जीम्मेदारीया थी…!

नये शक्स कि जरुरत है क्या

पुराने शक्स को भूलाने वास्ते,

मै अब थक चुका हु चलते चलते

मुझसे बदले नही जायेंगे ये रास्ते…!

*

Shero shayari hindi

मै सच कहता हु पर उसे झूट लगता है

वो शक्स मुझे सबसे खुबसुरत लगता है…!

पहाडो में एक घर हो हवावो से बात हो,
एक तुम्हारा साथ हो और तारो भरी रात हो…!

उसे छुपकर देखते हुये जब मै पकडा जाता हु,

मै तो मेरी हि धड्कानो से हार जाता हु..|

बाहर ख़ुशी है फिर दिल मे गम क्यो है,

भरी महफिल मे ये खालीपण क्यो है…!

सबकी दिलो मे घर बनाऊ ये छोटासा सपना है,

शहर मे मकान बनाऊ इतनी मेरी औकाद नही है…!

क्या बताऊ मुझ पर क्या गुजरती है

जब वो खामोशी सी से दिन गुजारती है…!

मेरे हाल बताते है कहाणी मेरी,
यार बेवफा निकली राणी मेरी..!

बात तेरे मेरे बीच की किसी से ना केहना,
इस कलयुग में तुम मेरी राधा बनी रहना…!

मै देखता रहूंगा चांद आसमान मे

तुम मेरी आंखो मे हि धुंड लेना,

मै चुम लुंगा माथा तुम्हारा

तुम मुस्कुराकर आंखे मुंद लेना..!

Shero shayari in hindi

जीम्मेदारियो के कहने पर

ख्वाइशो का गला घोटता है,

बेबस इंसान ख़ुशी के लिये

जिंदगी मे कितना सोचता है…!

अरसो बाद मिलता है महबूब मेरा,

दिल मे कितने अरमान जगाता है,

सजाये करता है सपने मिलने के,

पर मिलकर गले भी नही लागाता है…!

वो बिन वजह घुस्सा हो,

तो तुम्हे चूप रहना होगा,

तुम्हे आशिकी का शोक है

तो यह सब भी सहना पडेगा…!

खटखटाता है जोर से

पर आवाज नही लगा रहा,

हारकर लौटा है अरमान

दिल के बाहर हि खडा रहा…!

वो बैठा रहा कूच देर पास मेरे

उसकी खामोशी को मैने सताया नही,

मैने पूछा भी था कि मसला क्या है

पर उसने कूच बताया हि नही..!

मेरी कहाणी के मकान मे

बडे दिलचस्प किरदार है,

कूच सपनो के खरीददार

कूच दिल के किरयेदार है…!

वो मेरे जिंदगी के हर छोटे छोटे से किस्से है जानता,

वो प्यार तो नही पर उसे प्यार से कम भी नही मानता…!

मै दिनभर मरहम लगाता रहता हु

रात फिर खुरेद देती है जख्मो को..!

एक कोरे कागज मे लपेट लुंगा और

फेक दुंगा तुम्हारी खिडकी मे दिल मेरा,

तुम रख देणा दिल को मह्फुज कही

और कागज पर लिख देणा इकरार तेरा..!

निकल चुका हु अपने दिल से

अब तेरे दिल तक का सफर है,

साथ है कूच ख्वाबो का बसता

और एक तुम्हे पाने कि उम्मीद है….|

Sher shayari hindi

कूच खेल जिंदगी के मै समज नहि पाता,

ख़ुशी मे आते है सब

दुख मे कोई साथ नही आता…!

रोशन करे हमारे घर की चौकट
एक ऐसा पेड आंगण में रख दुंगा
तारो की सजा दूंगा पत्तो पर ओर
चांद को एक टहनी पर रख दुंगा…!

ये जो भी कूच दूरिया तेरे मेरे दरमिया है,

झूठा नही इश्क़ मेरा, मेरी कूच मजबुरीया है…|

सपनो को पुरा करणे कि चाह मे

मेरा सब पीछे छुट गया गाव मे,

काई पेडो के सहारे लिये शहर मे

पर वो सुकून नही यः कि छाव मे..!

मै उम्मीद को कश सा खींच टा हु

और गमो को धुवे सा उडाता हु,

असल मे कोई हल था मसलो का

या मै खुद को हि बहलता रहा…!

एक सवाल है कूच सवालो से मुझे,

कैसे लगता है बिन जवबो के तुम्हे…?

तुम्हारे चक्कर लगाता रहूंगा मै चांद कि तरह

तुम अपनी धुंद मे झुमती रहना धरती कि तरह…|

मैं रखं दुंगा सजा के अपनी चौकट पर,
तुम जलाकर वो दिये रोशनी ले आना,
रातों के अंधेरो सी रही है जिंदगी मेरी,
दिवाली के उजालो सी तुम चली आना..!

ये कीस तरह कि मोहब्बत है जो तुमसे करता हु,

मै तुमसे हि तुम्हारी तारीफ करणे से डरता हु…!

दस साल तक नही उतरा एक बाप ने लिया कर्जा,

बेटी के मेहंदी का रंग दस दिनो मे हि उतर गया..!

नही पता बात क्या करणी है

बस करणी है और सिर्फ तुमसे करणी है…!

Top Sher shayari

हाल पुछ्ने सडक पार न कर पाया

वो इश्क़ मे हदे क्या पार करता…?

जो कहना था वो कहने नही दिया,

टूटने के दर से कभी जुडणे नही दिया…!

यु खुदको हारके

दुनिया जितने मे क्या रखा है…?

ये गरीब कि झोली मे कैसा छेद है

पैसो कि कमी उपर से जातीभेद है…!

आज बडी खाली खाली सी है गालिब महफिल

लागता है टूटे दिल फिर से जुड रहे है…!

दिल ना माने तो क्या किजीये

एक झुटा वादा देकर चूप किजीये..!

लोगो की भिड में भी तन्हा हू मैं यहा,
कूछ कहणा है तुमसे जो किसिसे नही कहा…!

सोचता हु उनपर मुकदमा कर दू,
इसी बहाणे तरिखो पर मुलाखत तो होगी..!

इंसान अपने शोक के लिये परिंदो मो कैद करता है,
फिर दुवाओ की उम्मिद में उनहिको आजाद करता है..!

Best Sher shayari

जो एक दिखावे का लीबाज ओढे

अपनी नाकामियाबी का माथा चुमता है,

वो शक्स बिखरे सपनो को समेटे

अपनो कि ख़ुशी मे बेफिक्र झुमता है…!

मै कर भी दु इजहार तो इकरार नही करती,

अगर हा नही तो वो यु शृंगार भी नही करती…!

ये कैसी मोड पर छोड गये हो तुम

दिल उलझनेसे घीरा हुआ सा है,

ना तुम्हारे पीछे आणे का इरादा है

ना घर लौटने का मन हो रहा है…!

अब बस दिन गुजरते जा रहे है तुम्हारे बिना,
डर है कही सिख ना जाऊ तुम्हारे बगैर जिना..!

छोटी सी उम्र में मिले तजुर्बे कई बडे है,
बचपन के ये दिनो में ये कैसे मसले खडे है…?

मैं रखं दुंगा सजा के अपनी चौकट पर,
तुम जलाकर वो दिये रोशनी ले आना,
रातों के अंधेरो सी रही है जिंदगी मेरी,
दिवाली के उजालो सी तुम चली आना..!

खाली रखता हु आधी अलमारी

तेरे लौट आणे कि पुरी उम्मीद मे….!

*

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