Dard bhari shayari
Dard bhari shayari : दर्द के बारे ऐसा कहा जाता है कि, किसी अपने को बताने से कम होता है, हर एक के जीवन मे कभी न कभी तो आता हि है और यही वो दर्द होता है जो हमे कठीण से कठीण परिस्थितीयो मे जींना सिखाता है| सबका दर्द अलग अलग होता है किसी को प्रेम न मिलने कि वजह से दर्द होता है, तो किसी को परीक्षा मे अच्छे अंक न आणे कि वजह से दर्द होता है तो किसी को कोई और वजह से दर्द महसूस होता है…!
कितना मुश्कील है एक शक्स को खुदा से मांग कर, फिर उसको भूल जाणे कि दुआ मांगना…! ऐसे हि कभी कभी हम किसी के साथ अपना दर्द बाट नही सकते इसीलिये हम अपना दर्द स्टेटस या अन्य प्रकार से शेअर करते है, ऐसी हि कूच दर्द भरी शायरी आज हम देखणे वाले है|
छोडते भी नही हाथ मेरा
और थामते भी नही,
कैसी मोहब्बत है तुम्हारी
गैर भी नही करते और मुझे अपना मानते भी नही….!
दिल नजदीक होणे चाहिये,
प्यार के लिये जिस्म का नजदीक होणा जरुरी नही…!
एक गोल्ड मेडल उन लडकीयो को भी मिलना चाहिये,
जो लडको के दिलो से बहुत अच्छा खेल रही है…|
मेरी जिंदगी कि किताब मे
हर अध्याय तुम्हारा है,
कहाणी तो मेरी है,
पर हर पन्ने पर नाम तुम्हारा है…!
दुनिया मे सात अरब लोग है
लेकीन मोहब्बत हमेशा उसी शक्स से होती है,
जिसे आपकी एक टके कि परवाह नही होती…!
आदत बदल सी गई है वक़्त काटने कि,
अब हिम्मत हि नही होती किसी से अपना दर्द बाटने कि..!
इतने करीब आकर तो दो से एक हो जाते है,
जितने करीब आकर हम अलग हुये है…!
Dard bhari shayari
तुझे मिलेगा अब बस कोई तेरे जैसा,
क्योंकी मेरे जैसा अब मै भी नही रहा…!
जिन्हे तक़्दिर रुलाना चाहे,
उन्हे बेकदरो से इश्क़ हो जाता है..!
आसू जता देते है दर्द कैसा है,
बेरुखी बता देती है हमदर्द कैसा है…!
डालकर आदत बेपणाह मोहब्बत कि,
अब कहते है समजा करो वक़्त नही है…!
मुझे फुरसत हि कहा है मौसम सुहाना देखू,
अपने हालाथ से लडू या जमाना देखू..!
चेहरे पर मरने वाले,
दिलो कि कद्र नही करते..!
जो इंसान दिल का साफ होता है,
वही कम लोगो का खास होता है…!
वो प्यार से तो बात करती है
पर प्यार नही करती..!
तुम भूल गये मुझे चलो अच्छा हि हुआं,
किसी एक कि राते तो सुकून से गुजरे…!
Dard bhari shayari
टूटा ये दिल उनकी बाहो के जोर से,
अब पता चला, उन्हे इश्क़ है किसी और से..!
जिनके दिल साफ होते है,
वो ठुकरा दिये जाते है…!
आजकल कोई तिसरा आता नही है
पहले से होता है, बस पता बाद मे चलता है…!
कोई कमी नही छोडी थी उसने अपने कहर मे,
जब वो बेवफा रहा करती थी इस शहर मे..!
इश्क़, इश्क़ होता है मित्र
हर जगह दिल फेकणे को इश्क़ नही कहते…!
दर्द को भी कोई आधार कार्ड से जोड दो,
जिन्हे मिल गया उन्हे दोबारा ना मिले..!
इश्क़ भी क्या अजीब बिमारी है
जिंदगी हमारी है और तलब तुम्हारी है….|
जिस कहाणी को जी रहा हु,
उस कहाणी मे मर चुका हु मै…!
Dard bhari shayari
खुदा करे तुझे इश्क़ हो मेरे जैसा
और महबूब मिले तुझे, खुद तेरे जैसा..!
समजदार इतने है कि झूट पकड लेते है,
पागल इतने है कि फिर से विश्वास कर लेते है…!
मोहब्बत का कानून अलग है
इसकी अदालत मे वफादार सजा पाते है….!
अबके सावन मे एक खास बारदात हमारे साथ है,
मेरे घर को छोडकर, सारे शहर मे बरसात हुई,,,!
इत्तेफाक था कि तुम पसंद आये
और बुद्धी भ्रष्ट थी जो मोहब्बत हुई…!
होती है लाख गमो कि दवा निंद भी,
पर कूच जख्म ऐसे भी होते है जो सोने नही देते….!
सारे फरिश्ते मुझे हि मिले है,
कोई गलती करता हि नही मेरे सिवा…!
Dard bhari shayari
मेरे पास खामोशी के सिवा कोई हल नही है,
मै बात करता हु तो बात बिगड जाती है….!
दिल परेशान रहता है उनके लिये,
मै कूच भी नही हु जिनके लिये…!
है मालूम हमको तुम्हारी हकीकत
मोहब्बत के परदे मे करते हो नफरत…!
लोग तोल देते है चंद बातो पर किरदार,
बारी अपनी हो तो उन्हे तराजू नही लगता…|
जब जिंदगी प्यारी थी तो दुश्मन हजार थे,
अब मरने का शौक है,
तो कोई कातील नही मिलता….!
बना कर ताजमहल एक अमीर आशिक ने,
गरीबो कि मोहब्बत का मजाक बना दिया…!
मै हमेशा चाहता था उसे कोई और ना देखे और
वो नासमज शक और हक मे फर्क ना समजी….!
Dard bhari shayari
लगा दिया दाग तो अब धोना कैसे
जो अपना था हि नही, उसके लिये रोना कैसे…!
वो इतनी दूर राहणे वाला शक्स
टकराया भी तो सीधा दिल से…!
कोई दवा, जहर का इंतेजाम करो,
एक अधमरा शक्स तडप रहा है मेरे भीतर..!
दिसंबर के साथ तुम्हे भी छोड देंगे
क्योंकी हमे पता है कि तुम अब नही मिलोगी…!
क्यो ऐसी उम्मीद कि मैने जो ऐसे नाकाम हुई,
दूर बनाई थी मंजिल तो रस्ते मे हि शाम हुई…!
अब कहा से लाऊ रोज नया दिल,
तोडणे वाले ने तो तमाशा बना रखा है…!
बता तो दो कोण है वो
जो तुम्हे मेरी कमी महसूस नही होणे देता….!
सो रहा हु उठा देणा
ना उठ पाऊ तो जला देणा…!
Dard bhari shayari
अब तो आजा तू कबसे है यहा पडी
मांग मेरी सुनसान
सांसो कि माला पे सिमरू मे तेरा नाम…!
हो सकता है मर जाऊ चंद दिनो मे
एक शक्स जला रहा है दिल थोडा थोडा…!
फरिश्ते भी रोते है मुझे देखकर
किसीने इस कदर रुलाया है मुझे,
मोहब्बत के नाम से भी डर लगता है
किसी ने इस कदर ठुकराया है मुझे..!
दिल से चाहणे कि वो मुझे सजा देते है
हम रोते रहते है और वो मजा लेते है…!
यु हि नही आते भूकंप मे झटके
जमीन के नीचे भी कोई दिवाना तडपता होगा,…!
दुनिया मे ऐसा हि होता है
जिसे हम चाहते है, वो किसी और को चाहते है…!
Dard bhari shayari
चुनरी नही अब तेरे नाम का कफन होगा,
मेरा अधुरा इश्क़ अब मेरे साथ दफन होगा…!
तजुर्बे ने एक बात सिखाई है
नया दर्द हि पुराने दर्द कि दवाई है…!
तुम मुझे छोडके जाओगे तो मर जाउंगा,
एक काम करो जाणे से पहले मुझे पागल कर् दो..!
आज टूटा एक तारा देखा बिलकुल मेरे जैसा था,
चांद को कोई फरक नही पडा बिलकुल तेरे जैसा था…!
मै अब जिद भी नही करता तुझसे,
मै जाणता हु मेरी अहमियत कम हो गई है…!
कितना मुश्कील है एक शक्स को खुदा से मांग कर,
फिर उसको भूल जाणे कि दुआ मांगना…!
सौ बाते दिल से कही वो नही दिखा तुम्हे,
एक बात गलती से घुस्से मे कह दि तो
रिश्ता खतम करणा है तुम्हे…!
Dard bhari shayari
मै उन सौ लडको से लड सकता हु
जो तुम्हे चाहते है
लेकीन मै उन लडके से नही लड सकता
जिसे तुम चाहती हो…!
इतिहास गवाह है
इश्क़ मे बर्बाद सिर्फ लडके हुये है,
लडकी को तो कोई कामयाब
लडका मिल जाता है…!
जब आपकी आवाज किसी को चुभने लगे तो
तोह्फे मे उसे अपनी खामोशी दे देणा…!
तुम मिस कर रहे थे
और वो तुम्हे मिस युज….!
फिर आखिर मे वो प्रेम
वो रिश्ता वही खत्म हो जाता है
जब घरवाले पूछते है
वो या हम….?
तुम तो डरते थे ना मुझे खोने से,
बतावो तुम्हारा वो डर किसने दूर किया….!
Dard bhari shayari
वो लडका है जनाब जो दिनभर परिवार के लिये काम करता है,
और रात को अपने प्यार के लिये रोता है…!
ठीक नही हु कहने के लिये
कोई खास चाहिये होता है,
वरना कोई पुछे कैसे हो ..?
अच्छे है कहना पडता है…!
माना मौसम भी बदलते है मगर धीरे धीरे,
तेरे बदलणे कि रफ्तार से तो हवाये भी हैराण है….!
दिल को राष्ट्रीय खेल घोषित कर देणा चाहिये,
कमबक्त सब खेलते है दिल के साथ…!
उसे कहो आये और ले जाये
वो अपनी यादे मेरे पास छोड गया है…!
गजब का प्यार था उसकी उदास आंखो मे यार
महसूस तक ना होणे दिया कि, वो छोडणे वाली है….!
Dard bhari shayari
गैरो मे बाट दिया उसने वक़्त अपना,
हमारे हिस्से मे तो बस बहाणे लिखे थे…!
छत पर टहलणे वाला मौसम है,
और छत से कुदने वाले हालाथ…|
अलग होणा
अलग होणे से पहले हि शुरू हो जाता है….!
उसने बस id private कर रखी थी,
और दिल सरकारी…!
लाजवाब हुआ करती थी हमारी मुस्कुराहट
किसी बेवफा को इतनी पसंद आई,
कि अपने साथ हि ले गई…!
उसे क्या गरज पडी है जो मुझे आकर मनाये,
उसे तो लगता होगा जान छुटी भाड मे जाये…!
टूटा ये दिल मेरा उनकी बाहो के जोर से
जब पता चला उन्हे तो इश्क़ है किसी और से…!
हम मरेंगे बहुत जल्दी लेकीन किश्तो मे,
अब इतनी ज्यादा चलती है अपनी फरीश्तो मे…!
Dard bhari shayari
बहुत ख्याल रखते थे वो अपने दिल का,
इधर नही लगा तो उधर लगा दिया,,,!
तेरा बदला अब मै दुसरो से लेता हु,
जो मुझे चाहता है मै उसे छोड देता हु…!
मेरी सादगी से इश्क़ कर पाओ तो बताना
मानता हु चेहरा कूच खास नही है मेरा…|
हमे लगा कि हम और नही हो सकते बदनाम
कत्ल किया उन्होने तब तक लेकर नाम हमारा….!
तेरी मोहब्बत भी किराये के घर कि तरह थी,
कितना भी सजाया पर मेरा न हुआ….!
अब न रिप्लाय चाहिये न तेरा साथ,
तू प्लीज अपना ध्यान राख,
मुझे नही करणी तुजसे बात..!
जो ये मंदी का जमाना है गुजर जाणे दे,
फिर पता चलग मेरी किमत क्या है…!
कूच लोग सिलते है मेरी शायरी से दिल अपना,
और कूच लोगो को चुबता हु मै सुई कि तरह…!
बारीश कि बुंदे खिडकी से अच्छी लगती है सिलिंग से नही,
खेलना है तो खिलौनो से खेलो, किसी कि फिलिंग से नही…!
बिना बोले जमाने को खबर हो जायेगी,
अब मेरी खामोशी देखणा, कहर मचायेगी…!
छोडना है तो छोड दे मुझे,
प्यार का दिखावा मत कर,
वफा तो तेरे बस कि नही,
बेवफाई तो तमीज से कर…!
ख्वाबो कि दिवार भरे बाजार मे टूटी देखी है,
मैने अंजान बुलेट के बगल मे तेरी स्कुटी देखी है…!
क्या हसीन इत्तेफाक था तेरी गली मे जाणे का,
किसी काम से गये थे, किसी काम के नही रहे….!
मै राधा नही, तुम कृष्ण सही,
तुझे इश्क़ है तुमसे, तुम्हे नही तो ना सही…!
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