Chand shayari
Chand shayari: सारी रात जो चमकता है वो होता है चांद, सारे तारो का नेता होता है ये चांद, थंड जो हमे देता है वो चांद हि होता है, कभी कभी इतना छोटा हो जाता है कि हमे नजर हि नही आता, हमारे बचपन का चंदा मामा होता है ये चांद, सचमे कितना खुबसुरत होता है ना ये चांद!
अगर आप भी चांद मामा से संबंधित शायरी खोज रहे हो, तो आज का यह लेख आपके लिये हि है क्युकी आज हम पेश करणे जा रहे है चांद मामा कि खुबसुरत शायरी!
नजर मे आपके नजारे रहेंगे, पलको पर चांद सितारे रहेंगे,
बदले तो बदल जाये ये जमाना, हम तो सदा तुम्हारे हि रहेंगे!
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Chand shayari in hindi
ए चांद मेरे आंखो के सामने न आया कर,
हर रोज तू मुझे उनकी याद न दिलाया कर..!
उनके चेहरे कि चमक देख कर चांद भी शर्मा गया,
जो रहता है हमेशा ठंडक मे आज वो भी गरमा गया!
चांद भी हैराण है, दरिया भी हैरानी मे है,
अक्ष किसका है ये इतनी रोशनी कैसे पाणी मे है!
तू अगर चांद और मै सितारा होता,
आसमान मे एक आशिया हमारा होता,
लोग दूर दूर से देखते तुम्हे,
पास से देखणे का हक बस हमारा होता!
वो चांद हि क्या जिस मे डाग न हो,
वो सुरज हि क्या जिसमे आग न हो,
चांद भी उसे देखणे को तरसे
तुम जैसा मेहबूब जिसके पास मे हो!
ए चांद तेरी चांदणी कि कसम मै भी एक चंद से मिलकर आया हु,
तेरे पास मे तो सिर्फ अंधेरा है, मै तो रोशनी से मिलकर आया हु!
ए चांद तू भूल जायेगा अपने आप को, जब सुंग तासता मेरे प्यार कि,
क्यू करता है तू गुरुर अपने आप पर इतना, तू तो सिर्फ परछाई है मेरे यार कि!
एक रात हसी ऐसी भी हो, जब फुल बिछे राहो मे हो,
एक चांद पलक पर निकला हो, एक चांद मेरी बाहो मे हो!
मोहब्बत भी चांद कि तरह दिखता है,
जब पुरा होता है तो फिर घटने लगता है!
रात मे तुटता तारा देखा बिलकुल मेरे जैसा था,
चांद को कोई फर्क नही पडा बिलकुल तेरे जैसा था!
बेचैन इस कदर था कि सोया न रात भर,
पलको से लिख रहा था तेरा नाम चांद पर..!
ना चांद चाहिये ना पलक चाहिये,
मुझे बस तेरी एक झलक चाहिये!
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Chand shayari
मेरा और एक चांद का मुकद्दर एक जैसा है,
वो तारो मे तनहा है और मै हजारो मे तन्हा…!
उस के चेहरे के चमक के सामने सादा लगा,
आसमा पर चांद पुरा था मगर आधा लगा..!
कभी तो आसमा से चांद उतरे जाम हो जाये,
तुम्हारे नाम कि एक खुबसुरत शाम हो जाये!
पुरे कि ख्वाईश मे ये इंसान बहुत कूच खोता है,
भूल जाता है कि आधा चांद भी खुबसुरत होता है!
चल चांद पर चलते है एक गुलेल ले कर,
आज सितारो के शिकार का बडा मन है!
चांद मे दिखती है मुझे मेरे जान कि सुरत,
चांद संग चांदणी भी है मुझे उसकी जरुरत!
तुम रहते यहा तो मुकम्मल हो जाता है,
तेरे बिचडणे के बाद खो सा गया हु मै!
मेरा चांद भी मै हु,
चांद मै दाग भी मै हु!
आज आसमा मे भी अंधेरा छा गया,
क्योंकी चांद खुद जमि पर उतर आ गया..!
तुम साथ तो चलो मेरे हम तुम्हे अपना चांद बना कर रखेंगे,
तुम होंगे चांद मेरे दिल के, और दिल को हम अपने आसमान बना कर रखेंगे!
अब इस दिल कि आबादी मेहमानो पर है,
कोई आ जाये तो वक़्त गुजर जाता है…!
वो मुझे चिराग कि खैरीयत दे रहा है,
उसे बताओ मै दिवाना चांद ठूकरा कर आया हु!
सबके लिये आज चांद का दिन है,
मेरी पुचो तो मेरे चांद से हि मेरा हर एक दिन है!
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Chand par shayari
आखिर पुच हि लिया चांद से कि, इस चेहरे पर दाग कि क्या वजह है?
वो भी मुझे कह गया नमन आंखो से, ये मेरे अपनो कि दि गयी दर्द कि सजा है!
अगर वो दरिया है तो किनारे का भार है मुझपे,
वो अगर चांद है तो चांदणी का खुमार है मुझपे,
और मुझे पता है कि वो किस्मत मे नही है मेरे,
ये जाणते हुये भी मुझे उससे इश्क़ मेशुमार है!
मैने आज चांद देखा फिर तेरा खयाल आया,
चांद मे तो दाग भी नजर आया, तुझ मे तो मै वो भी ढूढ नही पाया!
जैसे कि कोई चांद का टुकडा हुबहु देखा है,
सच कहु तो आज उसको सामने से देखा है!
सितारो से भरे आज जब आसमान मे मैने चांद देखा,
अकेलापन एहसास आज मुझे ज्यादा हुआ!
चांद ने ताण ली है चादर ए अब्र,
अब वो कपडे बदल रही होगी!
चांद कि किमत वो क्या जाणे,
जो सुरज ढलते हि सो जाये!
चांद को तुम्हारे बारे मे बताया हमने,
वो इतना जला कि सुबह तक सुरज बन गया!
अब चांद पर पाव जमाना है,सुरज से आंख मिलाना है,
एक नया संकल्प लाना है, संकल्प नया डोह्राना है,
ना ठहरा था और ना हि ठहरा हु,
मै तो इस नये भारत का एक नया चेहरा हु!
अब और न सवरे,
चांद कि जान लोगे क्या!
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Chand shayari hindi
कूच ख्वाइसे कूच इरादे भेज, कोई ख्वाब कोई यादे भेज,
फिर लिखना है आज कूच तू बस एक चांद और कूच सितारे भेज!
आप ना बिलकुल चांद कि तरह हो,
नूर भी गुरुर भी और दूर भी!
अगर तू आये तो मुझ को भी,
ईद का चांद दिखाई दे..!
ईद का चांद तुम ने देख लीया,
चांद कि ईद हो गई होगी!
उम चांद मानते थे ना उसे,
अब दूरिया तो सहनी पडेगी!
वो एक वक़्त पर मेरे इतना करीब हो गया था,
मुझे लगा कि वो मेरा हो गया था!
us ke chehre ke saamne chaand bhi sadha lagaa,
aasmaa pr chaand puraa thaa mgr aadhaa lagaa!
इंसान चांद को तब देखता है,
जब वो जमीन पर कूच खो देता है!
तू उदास मत हुआ कर in हजारो कि बीच,
आखिर चांद भी तो तनहा है सितारो के बीच मे!
माना आज चांद खुबसुरत था,
मगर तुमसे कम खुबसुरत था!
मै उसको चांद कह दु ये मुमकिन तो है,
मगर लोग उसे रात भर देखे ये मुझे मंजूर नही है!
चांदणी रातो मे चील्लाता फिरा,
चांद सी उसने सुरत देख ली!
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Chand pe shayari
कौन केहता है कि चांद तारे तोडणा जरुरी है,
दिल को छु जाये प्यार के दो लफ्ज बस इतना हि काफी है!
अगर आपको दिल लगाना हो
तो ऐसे इंसान से लगाना जिसे चांद बहुत पसंद हो,
ये लोग दिल के भोले होते है, ये आपको उतणा हि चाहेंगे,
जब आप बुरे नही हो, चाहे आप मे सौ कामिया क्यू न हो!
मेरे पास है तू मेरे साथ है तू, ये दूरिया तो बस दिखावा है,
हाथ धडकते दिल मौ धक धक कि आवाज है तू!
चांद माश्रीक से निकलता नही देखा मैने,
तुझ को देखा है तो तुझ सा नही देखा मैने!
दूर है तो सब को चांद चाहिये,
पास होता तो बोलते जनाब जरा अपना दाग हटाइये!
चांद को खुद पर गुरुर है, क्युकी उसक पास चांदनी है,
नूर है हम कीस पर गुरुर करे, हमारा चांद हि हमसे दूर है!
तारे टूट जाते है
मगर चांद कभी नही तुटता,
और मै एक चांद हि हु!
एक तो तुम्हारी बाते हो, या बात तुम्हारे बरे मे,
वरना बातो मे वह बात नही,
एक तो तुम्हारे बारे मे ख्वाब हो, या ख्वाब तुम्हारे बारे मे,
वरना मेरे लीये ये रात नही!
तारो कि भीड मे वह गुमसुम सा खडा था
चमक रहा था फिर भी न जाणे किसके खयालो मे खोया था,
तरस रही थी उसकी आंखे किसका पता पुच रहा था
आज ये मायुस चांद अपनी चकोर ढूढ रहा था!
मातम क्या मनाना जाणे वालो का, ये सिलसिला तो अब आम होगा,
जो तुट गये वो सितारे थे मेरे, नसीब मेरे अब चांद होगा!
ए चांद तू कीस कि मजहब का है?
ईद भी तेरी और करवा चौथ भी तेरा!
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Chand ki shayari
जब भी तुम्हारा मै किसी से जिक्र करता हु,
आप कि कसम मै न जाणे क्यू रो पडता हु!
सुब लेता है मेरी बाते बडी हि खामोशी से,
हर तनहा रात मे मेरा साथ निभाता है,
जाणता तो है मेरे गहरे राज सारे,
पर ये चांद किसी को कूच नही बताता है!
बे सबब मुसकुरा रहा है चांद,
कोई साजीश छुपा रहा है ये चांद!
अब हम नही कहेंगे कि अब तुम्हारे लिये हम चांद लायेंगे,
कूच दिब सब्र करो, अब तो हम तुम्हे सीधा चांद पे ले जायेंगे!
इक रात वो गया था बात रोक के,
अब तक रुका हुआ हु वो रात रोक के!
हर शाम हर किसी के सुहानी नही होती
हर प्यार के पीछे कोई कहाणी नही होती,
कूच असर तो होता है, दो आत्मा का मेल है,
वरना गोरी राधा सावले कृष्ण कि दिवाणी न होती!
ये चांद बिलकुल वैसा हि लग रहा है,
जैसे कि तुम्हारे बिन मै लगता हु!
रात उतरणे लगी है खिडकी पर,
बे असर आंखो को चांद का इंतजार है!
एक चांद था मेरा जो बादलो मे खो गया,
मैने बादल हटाने का इंतजार किया,
तो वो चांद किसी और का हो गया..!
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Moon shayari
ये मोहब्बत भी चांद कि तरह है,
खुबसुरत है और दाग भी है…!
इश्क़ करणा है तो रात कि तरह करो,
जिसे चांद भी पसंद हो और दाग भी कबूल हो!
और भला क्या चाहिये मुझे अपने जिंदगी मे,
तेरी ख़ुशी मे मेरी ख़ुशी शामिल है,
चांद मे नजर आती है सुरत तेरी
तेरा खयाल तेरे सजदो मे बंदगी है!
वो रात के आसमान मे हजारो तारो के बीच चांद जैसी है,
तुम देखना खुद को आईने मे, और बताना मेरी पसंद कैसी है..?
मेरी निगाहो मे एक ख्वाब आवारा है,
चांद भी देखा मैने तो चेहरा तुम्हारा है!
aaj chaand pr nur hai
is baat kaa chaand ko gurur hai,
hm kis baat pr gurur kre
hamara chaand to hmse dur hai!
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हे वाचा
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धन्यवाद!