Mahadev shayari | 91+महादेवजी कि खुबसुरत शायरी

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Mahadev shayari

Mahadev shayari: इस दुनिया मे बदलता तो हर जीव है, लेकीन जिसकी दृष्टी आज भी मेरे सर पर वैसी हि बनी है, वो मेरा शिव है! इस जगत के निर्माता महादेव जी!

अगर आप शिव जी के संबंधित शायरी कि तलाश कर रहे हो, तो आज का यह लेख आपके लिये खास होणे वाला है, क्योंकी आज हम महादेव जी कि धार्मिक और खुबसुरत शायरी पेश करणे जा रहे है!

मैं कैसे कह दु की मेरी हर दुआ बे असर हो गई,
मैं जब जब रोया महाकाल को खबर हो गई!

*

Mahadev shayari in hindi

हे देवो के देव महादेव आपसे छुप जाये
मेरी तकलीफ ऐसी कोई बात नहीं,
मेरी भक्ती से ही पहचान है मेरी
वरणा आपके बिना मेरी कुच औकाद नहीं!

*

प्यार करणे वालो के लिये नर्म

और दुश्मणो के लिये सक्त है,

मौत भी हमारी क्या बिगाडेगी

क्योंकी हम महाकाल के भक्त है..!

मैं करू क्यू फिकर की मौत के बाद जगह काहा मिलेगी?
जहा होगी मेरे महाकाल की महफिल मेरी रूह वही पर मीलेगी!

भगवान शिव की भक्ती से नुर मिलता है
दिल की धडकनो को सुरुर मिलता है,
जो भी आता है मेरे भोले के द्वार
उसे कुच ना कुच जरूर मिलता है!

जय श्री भोलेनाथ!

जिनसे अपनी यारी है, वहा रोना नही जात पात का,

घर परिवार सब है राजी, क्योंकी सर पे हाथ है भोलेनाथ का!

जिन लोगो के रोम रोम मे शिव है भी विष पिया करते है,
जमाना उन्हे क्या जलायेगा, जो श्रृंगार ही अंगार दे करते है!

जब तुझे न सुलझे तेरे उलझे हूये धंदे
भगवान के इंसाफ पर सब छोड दे बंदे,
खुद ही तेरी मुश्किल को भगवान आसन करेंगे
जो आज तक तू नहीं कर पाया वो शिव कर देंगे!

*

जिते है शान से

शंकर भगवान तेरे नाम से!

हर ओर सत्यम शिवम सुंदरम
हर हृदय मे हर हर है,
जड चेतन मे अभिव्यक्त सतत,
ककर मे भी शंकर शंकर है!

जो झुकता नहीं शौर्य का
मैं अखंड भास हुं,
जला दे तू अधर्म की आत्मा को
मैं उसी महाकाल का दास हुं!

नहीं पता कोण हुं मैं
ओर कहा मुझे जाणा है?
महाकाल ही मेरी मंजिल है
ओर महाकाल का दर ही मेरा ठिकाणा है!

*

Mahadev shayari

ना जिंदगी की खुशी ना मौत का गम,
जब तक है दम महाकाल के भक्त रहेंगे हम!

*

कुत्तो कि बडी तादाब से शेर मरा नही करते,

और हम महाकाल के दिवाने है किसी के बाप से डरा नही करते!

दिखावे की मोहब्बत से दूर रहता है,
इसीलीये महाकाल के नशे मे चुर रहता है!

ना पूछो मुझसे मेरी पहचान मे तो भस्म धारी हुं,
भस्म मे होता जिस महाकाल का श्रृंगार मैं उस का ही पुजारी हुं!

ए जन्नत अपनी औकाद मे रहणा
हम तेरी जन्नत के मोहताज नहीं,
हम भगवान शिव के चरनो के वासी है
जहा तेरी भी कोई औकाद नहीं!

माया को चाहणे वाला बिखर जाता है
ओर शिव को चाहने वाला निखर जाता है!!

तुम शीव का ध्यान करो दीन रात
शीव जाणे हमारी दिल की बात,
शीव जी सबकी मनोकामना पुरी करते है
अपने भाक्तो के सदा ही दुख दूर करते है!

अकाल मृत्यू वो मरे जो काल जरे चांडाल का,
काल भी उसका क्या करे जो भक्त हो महाकाल का!

प्रेम का ज रस होगा, उसमे खो जाओगे,

तुम शिव से तो निकले हो

जाकर शिव मे हि समाओगे,

और फिर जाकर शिव के हि हो जाओगे!

परमार्थ का भाव लाव , करुणा से भर जाओगे

आदी से अंत तक ,तुम शिव को हि पाओगे!

मन मे अभिमान लेकर कैलाश कैसे जाओगे?

स्वार्थ नही त्यागोगे तो शिव को ना पाओगे!

रहते शमशान है बैठे है ध्यान मे,

मृत्यू का तांडव भी है, भोले कि मुस्कान भी है..!

जय श्री महादेव!

पक्षपात से प्रे है वो ना कृत्य कोई निंदनीय ,

देवो के देव फिर भी दैत्यो मे वंदनीय!

*

Mahadev shayari hindi

साधना मे लीन जब तक आसन कैलाश है,

आंख अगर खुल गई तिसरी समझो हो चला विनाश है!

प्रेम का वो बोध है, रावण का क्रोध है,

दधीची का त्याग है और दुर्वासा का रौद्र है!

सोम से भी सोमय है क्रोध मे वो रुद्र है,

सबसे बडे योद्धा हर जटा मे वीर भद्र है!

एक मात्र वो यथार्थ है, वश उनका तीनो काल पे,

पुरा जग झूम उठता है, मेरे भोले के डमरू कि ताल पे!

अरे मोह से परे है जो

उसे चिलम नही चाहिये,

महायोगी कहलाते शिव है

जरा ज्ञान ले कर आईये!

शिव और भांग का संबंध किसी ने है उल्लेख किया,

पुराणो मे तो नही मिला तुम्हे किसने यह ज्ञान दिया!

हमे भी विजय चाहिये

क्योंकी शिव ने थी भांग पी,

पिया तो हलाहल भी था

तुमने विष कि क्यो ना मांग कि!

वैष्णवो मे श्रेष्ठ है सांतो के संत है,

स्वरूप कैसे जाणे उनका

जिसका आदी ना अंत है!

वैरागीयो सा जीवन

कोई ना विकार हो,

त्रिशूल लिये हाथ मे

कंठ मे सर्प अलंकार हो…!

समय से पहले अस्तित्व मे

काल से परे है वो,

निर्मल सी मुस्कान लिये

चंद्रमा भाल पर धरे है वो!

मनमोहक चरित्र वेशभूषा विचित्र है,

जिसका कोई धरा पर नही,

उसके महादेव मित्र है!

यदि युद्ध विक्राल हो

या शत्रू विशाल हो,

बाल उसका ना बाका हो,

जिसकी रक्षा करते महाकाल हो..!

*

Mahadev ki shayari

स्वार्थ से प्रे है जो परमार्थ से भरे है जो,

मेरे आराध्य के आराध्य है,

वो नाथो के नाथ है और

जग के भोलेनाथ है!

वैराग्य का वो अर्थ है, कण कण से परमार्थ है,

आंखे मुंदे बैठे है हम सबके भोलेनाथ है!

चंद्रमा ललाट पे भूतो के नाथ है,

फिर भी भूत का तमस नही वो आज भी यथार्थ है..!

दरबार में महाकाल के दुःख दर्द मिटाये जाते है,
दुनिया में जो सताये लोग होते है,
वो यही पर सिने से लगाये जाते है!

वह अकेला ही पुरी दुनिया के मुर्दे की भस्म से नहाते है,
ऐसे ही नहीं वो काल के काल महाकाल कहलाते है!

काल की आँखो मे आंख डालकर भी देखं सकते है,
जिन लोगो की आँखो मे महाकाल बसते है!

मौत का डर उन्हे लगता है जिन के कर्मो मे डाग है,
हम तो महाकाल के भक्त है, हमारे खून मे भी आग है!

भोलेनाथ के भक्त है इसलिये भोले बनकर फिरते है,
पर याद रखना, कभी कभी तांडव करना भी जानते हैं.

डर नही है मुझे किसी काल का
क्योंकि मेरे सिर पर हाथ है मेरे महाकाल का.

जख्म भी भर जायेगे, चेहरे भी बदल जायेगे,
तू करना याद महाकाल को तुझे दिल और दिमाग मे

सिर्फ और सिर्फ महाकाल नजर आयेगे.

जिसके नाथ हो स्वयं भोलेनाथ,
वो लोग भला कैसे हुआ अनाथ!

अंदाज हमारे कुछ निराले हैं.
क्योंकि हम महाकाल वाले हैं!

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Mahakal shayari

चिंता नहीं हैं हमे काल की,
बस कृपा बनी रहे मेरे महाकाल की

जिन्दगी एक धुआँ हैं, जाने कहा थम जायेगा,
कर ले मेरे महाकाल की भक्ति, जीवन सफल हो जायेगा!

महाकाल तुम से छुप जाए मेरी तकलीफ ऐसी कोई बात नहीं.
तेरी भक्ति से ही पहचान है मेरी वरना मेरी कोई औकात नहीं.

एक ही शौक रखते है पर बेमिसाल रखते है
हालात कैसे भी हो फिर भी जुबां पर हमेशा महाकाल का नाम रखते है!

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किस्मत साथ हो ना हो

बस महादेव का सर पे हाथ होणा चाहिये,

मै सुबह उठू तो होठो पर नाम उनका,

रात को सो जाऊ तो महादेव का चेहरा साथ होणा चाहोये!

खौफ फैला देना नाम का,
कोई पुछे तो कह देना, भक्त लौट आया है महाकाल का.

कर्ता करे न कर सके, शिव करे सो होये,
तीन लोक नौ खंड में महाकाल से बड़ा ना कोए!

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Mahakal shayari in hindi

झुकता नही शिव भक्त किसी के आगे,
वो काल भी क्या करेगा महाकाल के आगे.

जिस समस्या का ना कोई उपाय,
उसका हल सिर्फ ॐ नमः शिवाय.

हम महाकाल के दिवाने है, तान के सीना चलते है,
ये महाकाल का जंगल है, जहाँ शेर दंगल करते है.

आता हूँ महाकाल तेरे दर पे, अपना शिर्ष झुकाने को
100 जन्म भी कम है भोले, अहसान तेरा चुकाने को.

माथे का तिलक कभी हटेगा नही,
और जब तक जिन्दा हूँ, तब तक महाकाल का नाम मुँह से मिटेगा नही.

जब मुझे यकीन हैं के महादेव मेरे साथ हैं,
तो इस से कोई फर्क नहीं पड़ता के कौन मेरे खिलाफ हैं.

उसीने ने जगत बनाया हैं कण कण में वो ही समाया हैं,
दुःख भी सुख सा बीतेगा सर पे जब शिव का साया हो.

मिलती है तेरी भक्ती महाकाल बडे जतन के बाद,
पा ही लूँगा तुझे मे श्मशान मे जलने के बाद.

मैं झुक नहीं सकता अधर्म के आगे शौर्य का वही अखंड भाग हूं,
जला दे जो अधर्म की रूह को वहीं महाकाल का दास हू!

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Mahadev hindi shayari

जहाँ पर आकर लोगों की नवाबी ख़त्म हो जाती है,
बस वहीं से महाकाल के दीवानों की बादशाही शुरू होती है…!

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शिव का अर्थ – कल्याणकारी या शुभकारी

शी – पापो का नाश करणे वाला

– देणे वाला यानी [दानी]

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शिव जी के कल्याणकारी नाम

वृशांक – बैल चिन्ह कि ध्वजा सहित

हवी -समर्पण करणा

सात्विक – सत्य गुण

गिरीश – पर्वतो के स्वामी

शास्वत -हमेशा रहना

देव – स्वयं प्रकाश रूप

भव – संसार के रूप मे प्रकट होणा

दिगंबर – आकाश रूप वस्त्र वाले

वामदेव – अत्यंत सुंदर

भर्ग – पापो के नाश करणे वाले

नीलकंठ -नीला गले वाले

शंकर – सबका कल्याण करणे वाले

शर्व -कष्ट को नष्ठ करणे वाले

महेश्वर – माया के अधीश्वर

विरुपकेश – तीन आंख वालो

शिव -इस दुनिया का कल्याण करणा

त्रिलोकेश -तीनो लोको के स्वामी

रुद्र -उग्र रूप

सोम – उमा के सहित रहने वाले

व्योमकेश -आकाश रूप वाले

श्रीकंठ – सुंदर गले वाले

सर्वज्ञ – सब कूच जाणणे वाले

अज – जन्म रहित

हरी – विष्णू स्वरूपी

परमेश्वर – प्रथम ईश्वर

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धन्यवाद!

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